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Saturday, December 7, 2019

😂😏😏😂🌺🙏🌺

🌺🌺शर्म  कर इंसान तेरी करतूतो पर 
हमको खेलने शहर मिला....
पर तुझ को खेलने क्या मिला !
हमसे पलता घर अपना 
पर ये बता तू किस-किस पल रही हैँ 
मेरा कमाया खाया सबने 
अब तेरा कमाया कौन खा रहा हैं 
मैं.... पाल  रही हूँ अपनों को 
पर ये तो बता तू किस्से पल रही हैँ 
कुछ बाते खामोश ही रहने दे अब 
हा.. हम जुड़े सब तेरे अपनों से 
तू क्यों बर्बाद हुई दी..के देवर साथ 
पीढ़ी दर पीढ़ी वही गेम ना खेल 
न्यू पीढ़ी को भी बतला वरना सच्चाई सबकी 
हमने खाये लाल कई 
पर तू अपना ही घर खा रही हैँ 🌹🙏हम अपने बनाये आसयाने खुद तोड़ा नहीं करते
पर खुद अकेला डूबना भी नहीं करते 🙏🌹
🤔🤔🤔यार समझ नहीं आता कविता लिखतीं हूँ और पता नहीं क्या लिख जाता हैँ 😂😂 
🤗🤗🤗🤗पर हमारी कविता हमें समझ आनी चाहिए 🌺🌺
बस यूँ हूँ........... 😂😂🤔🤔👌👌🙏
डॉली दिल से........ 😂😂🙏😂😂